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कुछलोग नदी के पुल पर छलांग लगा कर नहां रहे थे। कुछ

कुछलोग नदी के पुल पर छलांग लगा कर नहां रहे थे।
कुछ लोग स्वीमिंग पूल पर नहां रहे थे। 
कुछ लोग निशुल्क नहां रहे थे।
कुछ शुल्क देकर नहां रहे थे।
नदी के पुल का स्नान प्राकृतिक था । 
स्विममिंग पूल का स्नान अप्राकृतिक था।
प्राकृतिक में मजा है । 
बनावटी तो सजा है। 
नदी का बहता पानी पवित्र है।
स्विममिंग पूल का रुका पानी अपवित्र है।
कवि:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।
कुछलोग नदी के पुल पर छलांग लगा कर नहां रहे थे।
कुछ लोग स्वीमिंग पूल पर नहां रहे थे। 
कुछ लोग निशुल्क नहां रहे थे।
कुछ शुल्क देकर नहां रहे थे।
नदी के पुल का स्नान प्राकृतिक था । 
स्विममिंग पूल का स्नान अप्राकृतिक था।
प्राकृतिक में मजा है । 
बनावटी तो सजा है। 
नदी का बहता पानी पवित्र है।
स्विममिंग पूल का रुका पानी अपवित्र है।
कवि:- शैलेन्द्र सिंह यादव

 #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की कविता प्रकृति में मजा है।