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दुःख मिला है मगर दुःख की मारी नहीं।। छल - कपट से म

दुःख मिला है मगर दुःख की मारी नहीं।।
छल - कपट से मेरी कोई यारी नहीं।।
मेरी अस्मत प उंगली उठाई कोई,
और मैं  चुप रहूं ऐसी नारी नहीं ।।

©Anjali Srivastav
  दुःख मिला है मगर दुःख की मारी नहीं।।
छल - कपट से मेरी कोई यारी नहीं।।
मेरी अस्मत प उंगली उठाई कोई,
और मैं  चुप रहूं ऐसी नारी नहीं ।।

दुःख मिला है मगर दुःख की मारी नहीं।। छल - कपट से मेरी कोई यारी नहीं।। मेरी अस्मत प उंगली उठाई कोई, और मैं चुप रहूं ऐसी नारी नहीं ।। #शायरी

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