कुछ कह बैठूँ तो शिक़ायत न समझना तुम आदत सी हो मेरी रियायत न समझना साँसों में सुरखुरु हो बुलाहट न समझना हर दस्ते क़दम आहट मेरी दीवानगी सी है तब तलक़ न आना मेरी सदाओं को सुनकर जबतक इसे अपनी दिली चाहत न समझना कुछ मत कहना महज़ दिल रखने के वास्ते ज़ब तक अपना सुकूँ दिली राहत न समझना #toyou#yqassurance#yqfaith#yqlingeringin#yqrestlessness#yqfindingin