माना मंज़िल मुश्किल थी हम खोए नहीं... दर्द था दिल मे पर हम रोये नहीं... और कोई नहीं हमारा जो हमें पूछें... "जाग रहे हो किसी के लिए" "या फिर किसी के लिए सोए नहीं" ©inayat afreen 14 #Moon