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तोड चल आज बेडियां और ये बंधन, मन की सुन कर मस्तिष्

तोड चल आज बेडियां और ये बंधन,
मन की सुन कर मस्तिष्क मंथन,
मुस्कुरा के कर तू हर चिंतन,
फिर देख प्रसन्नचित मन,
जैसे हो सुंदर चितवन।

©Anand Prakash Nautiyal tnautiyal
  #humanrights#बेडियां#बंधन#मन