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कभी-कभी अनुमान हमारे फीके होते हैं। समझ रहे हम गल

कभी-कभी अनुमान हमारे फीके होते हैं। 
समझ रहे हम गलत किन्तु वह नीके होते हैं।। 
अरमानों को दमन किये क्यों बैठा है सागर?
नदिया से मिलने के कई तरीके होते हैं।।
प्रदीप वैरागी© #अनुमान  @unknown_voice@ प्रतिक प्रेमराज भाला (pratik writes) Dreamy Shahjahan(Youtuber)  😍😘 ख्वाहिश 😘😍 कवि आदित्य बजरंगी सनातन प्रेमी
कभी-कभी अनुमान हमारे फीके होते हैं। 
समझ रहे हम गलत किन्तु वह नीके होते हैं।। 
अरमानों को दमन किये क्यों बैठा है सागर?
नदिया से मिलने के कई तरीके होते हैं।।
प्रदीप वैरागी© #अनुमान  @unknown_voice@ प्रतिक प्रेमराज भाला (pratik writes) Dreamy Shahjahan(Youtuber)  😍😘 ख्वाहिश 😘😍 कवि आदित्य बजरंगी सनातन प्रेमी