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66.नए वर्ष का संदेशा हाथों से हाथ नहीं...... दिल स

66.नए वर्ष का संदेशा
हाथों से हाथ नहीं......
दिल से दिल मिलाया जाय!
नए वर्ष के आँगन में
सबको गले लगाया जाय!!
नव वर्ष का करें स्वागत
झिलमिल ज्योत जलाया जाय!
भूल पुराने दु:खों को
फिर से जश्न मनाया जाय!!
भाई है भाई का दुश्मन
ऐसी बात न सोंचा जाय
सोंच-सोंच पर निर्भर है कि
किसको कैसा समझा जाय!!
बड़ी आस से लिखा यारों
मानवता दिखाया जाय
कवि अमित का संदेशा ये 
जन-जन तक पहुंचाया जाय!!

    कवि:- अमित प्रेमशंकर
एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) Amit premshanker Amit premshanker अमित प्रेमशंकर अमित प्रेमशंकर अमित प्रेमशंकर
66.नए वर्ष का संदेशा
हाथों से हाथ नहीं......
दिल से दिल मिलाया जाय!
नए वर्ष के आँगन में
सबको गले लगाया जाय!!
नव वर्ष का करें स्वागत
झिलमिल ज्योत जलाया जाय!
भूल पुराने दु:खों को
फिर से जश्न मनाया जाय!!
भाई है भाई का दुश्मन
ऐसी बात न सोंचा जाय
सोंच-सोंच पर निर्भर है कि
किसको कैसा समझा जाय!!
बड़ी आस से लिखा यारों
मानवता दिखाया जाय
कवि अमित का संदेशा ये 
जन-जन तक पहुंचाया जाय!!

    कवि:- अमित प्रेमशंकर
एदला,सिमरिया,चतरा(झारखण्ड) Amit premshanker Amit premshanker अमित प्रेमशंकर अमित प्रेमशंकर अमित प्रेमशंकर