आपके लिए कुछ भी लिखना, मेरे बस की बात नहीं, आपको यूँ शब्दों में ढालना भी मेरे बस की बात नहीं। अपनों ने ठुकराया जब, तब आपने मुझे अपनाया है, शुक्रिया कह के उतार दूँ कर्ज़, मेरे बस की बात नहीं। छुपा कर अपना दर्द, हमेशा मेरा दर्द ही बाँटा आपने, 'आप ही हो' जता, मुस्कुराऊँ, मेरे बस की बात नहीं। दुनियाभर के रिश्तों की कमी, एक आपसे होती पूरी, सबको पा के आपको भुला दूँ, मेरे बस की बात नहीं। दिन-ब-दिन बढ़ती रहें ख़ुशियाँ, दुआ में कमी न 'धुन', साईं की छवि आप,और कहना मेरे बस की बात नहीं। Dear Smile (Diary), Hmm.. इस बार थोड़ी जल्दी याद कर लिया तुम्हें, अब बात और मौका ही ऐसा है कि तुम्हें बताये बिना रहा नहीं गया। तुम्हें याद है ये lines.. "मुझसे हमेशा मेरी अच्छाइयाँ ही सीखना और बुरा-बुरा सब छोड़ देना।" हाँ! याद होगी ही, क्योंकि गजनी तो मैं हूँ न और तुमसे मुझे पहली बार मिलवाने वाली भी तो वही थीं, पहली बार ही उन्होंने भी किसी को इतना कुछ लिखकर दिया होगा। हाँ-हाँ तुमसे कम मगर याद है मुझे कि मैं उन्हें कितना पकाती थी, इसीलिए तो तुम्हें ले आईं थीं वो कि उनका दिमाग़ कम खाऊँ और तुम्हें