Nojoto: Largest Storytelling Platform

लौट आता हूं घर बेहताशा हर दिन तुझे ढूँढते ढूँढते

लौट आता हूं घर बेहताशा
हर दिन तुझे ढूँढते ढूँढते

सहम जाता हूं अब इन बूंदों से
बच निकलता हूं बारिश में भीगते भीगते

ये नजरें बेसब्र है तुझे निहारने को
दिल आतुर है खनखती पायल को 

 आखिरी पड़ाव में है अब ज़िन्दगी
नजर आ जाना सांझ ढलते ढलते 😊😊😊
लौट आता हूं घर बेहताशा
हर दिन तुझे ढूँढते ढूँढते

सहम जाता हूं अब इन बूंदों से
बच निकलता हूं बारिश में भीगते भीगते

ये नजरें बेसब्र है तुझे निहारने को
दिल आतुर है खनखती पायल को 

 आखिरी पड़ाव में है अब ज़िन्दगी
नजर आ जाना सांझ ढलते ढलते 😊😊😊