नापों लोगो को मगर उनकी धन संपत्ति से नही, उनकी सज्जनता,सरलता, दिल में बसे लोगों के प्रति प्यार से, अच्छे विचार से, फूट फूटकर भरा हो जो संस्कार से, आज कल के जमाने में लोग,धन, दौलत,चमक दमक देखकर,लोगो को फॉलो करते हैं,लेकिन क्या फायदा उस बंदे का जो जमीन से जुड़ा ही ना हो,संस्कार ही ना हो । कुछ पंक्तियां उसी संबंध में,