कल्पना की एक बूंद सोचता हूँ मै भी शिक्षक बनजाऊँ सोचता हूँ में भी शिक्षक बनजाऊ कुछ फूलो को में भी खिलाऊँ सिंचु उन्हें शिक्षा के जल से उस सुंदर बाग का माली बनजाऊ *** कुछ फूल मुरझा जो गए हैं