दुनिया को भूलकर तेरी दुनिया में आ गया ले जा रहा है कौन इधर से उधर मुझे, दुनिया का हर नज़ारा निगाहों से छीन ले कुछ देखना नहीं है तुझे देखकर मुझे, गोरा मुखड़ा ये सुर्ख़ गाल तेरे, चांदनी में गुलाब देखा है नर्गिसी आंख ज़ुल्फ़ शबरंगी, बादलों का जवाब देखा। ©MK Zakhmi कमर जलालाबादी