हा, आज फिर मेरी दुआ एक कुबूल हुई तेरी ज़िंदगानी से, तन्हाई दूर हुई जब जब तेरी वो आंखें रोई दिल मेरा भी रोया था आँचल थामे जुदाई का तूने मेरा साथ खोया था। साया तुझे औरो का मिला, जब हुए गैर हम ही। फिर गम का साथ निभाना मेरा था ही ना लाज़मी। नैनो में छवि और कि हम उन अशको में भी ना दिखे हा थी यही दुआ हमारी तुम्हें ढेरो खुशिया मिले।। हा तुझे तेरा प्रीत मिला मेरी दुआ कुबूल हुई ज़िंदगानी से तेरी तनहाई दूर हुई। #श्रुति #yqbaba #yqdidi #98th #a_u