शब्द नहीँ.., वाक्य नहीँ.., कैसे बयां करूँ.., इस मुख से आपको. आप से ही मैं हु.., आप से ही मेरा भविष्य. जिसने *क* से कर्म.., और *ज्ञ* से ज्ञान बताया. जिसने जिन्दगी से लड़ना.., और उसे हर हाल में जीना सिखाया. जिसने ख्वाबो क़ो.., हकीकत में बदलना बताया. कैसे अदा करूँ मैं.., आपकी ज्ञानो के भंडार क़ो.., कैसे बताऊँ...? मेरी जिन्दगी की हर सफलता में.., आपका ही हाथ है. आपको शत-शत प्रणाम.., आपको मेरा नमन है. हे गुरु 🙏🏼..., मुझे आशीष दें.., कि मैं... दुनिया के अँधेरे क़ो हटाकर.., एक रौशनी कि आश जलाऊं. ©Sonali Gupta #Poet #Teachersday