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कविवर -----सोहनलाल जी चौधरी मुलत:अरर ् ""पन्ना काळ

 कविवर -----सोहनलाल जी चौधरी
मुलत:अरर
् ""पन्ना काळी वाँ ढळतोडी माँझळ रात नैनो सो उदियो ले साथ चित्तौड दुर्ग सुँ ऐकळी चली"",,,,,,,,,,कोमल मृदुभाषी कवि को म्हारा घणा घणा राम राम

दोस्तों आपकी कलम आपको कभी भी कही भी अवसर दे देती है,,,,,
आप ईश्वर पर भरोसा रखे

कुदरत की तुला मे हमेशा न्याय होता है,
 कविवर -----सोहनलाल जी चौधरी
मुलत:अरर
् ""पन्ना काळी वाँ ढळतोडी माँझळ रात नैनो सो उदियो ले साथ चित्तौड दुर्ग सुँ ऐकळी चली"",,,,,,,,,,कोमल मृदुभाषी कवि को म्हारा घणा घणा राम राम

दोस्तों आपकी कलम आपको कभी भी कही भी अवसर दे देती है,,,,,
आप ईश्वर पर भरोसा रखे

कुदरत की तुला मे हमेशा न्याय होता है,