किसी सुबह होंठ यूँ ही बड़बड़ाने लगते हैं तुम्हारी याद में शब्दों कि फिक्र कहाँ होती है बस कभी ग़ज़ल तो कभी नज़्म गुनगुनाने लगते है #umasahub #umasahub #nojoto