उसके दिए जख्मों पर लगाना मलम छोड़ दी.. उसको भूलने की खाई थी कसम आज वो कसम तोड़ दी हमारी शायरी में ना हो जाए उसकी बेवफाई का जिक्र . इसलिए हमने अपने हाथों से अपनी कलम तोड़ दी अपने हाथों से अपनी कलम तोड़ दी