ऊंगली पकड़ के जिसकी खड़े हो गये हम मां-बाप की दुआ से बड़े हो गये हम हम आंधियों से जूझ के हंसते ही रहे हैं फौलाद से भी ज्यादा कड़े हो गये हम। ungli