एक सास जिसे मां के समान और बहू को बेटी के समान कहा गया है तो फिर.... सास का दिल इतना बड़ा क्यों नहीं होता कि वो बहू की छोटी सी गलती भी क्यों नजर आ जाती है बेटी बेटी करके भी उसे बहू होने को अहसास दिलाया जाता है उसकी हर छोटी ख्वाइश को दबा दिया जाता है सास ने कि है अनुभव जो बेड़ियां बन्धनों की क्यों पहनना चाहती है वो अपनी बहू के पावं में भी फिर उम्मीद लगाई जाती है बहू भी माने एक सास को मां जब सास खुद तैयार नहीं अपनाने को दिल से अपनी बेटी उसको बहू कब तक समर्पण करे बनके बेटी सास को भी तो त्याग करना चाहिए बेटी बनाने के लिए बहू को अपने खोखले बंधनों और फालतू की रोक टोक, जमाने का नाम देकर फिर बताना कैसे ना बनेगी बहू एक बेटी और सास एक मां ©Jassi Jangra Mandavriya #daughter#in#law#mother#in#law#beti#sass#bahu #coldnights