तेरी खामोशियां भी मुझसे कुछ कहने लगी है। जिस बात से डरता था वो ही होने लगी है। तेरी झुकी हुई पलके क्या क्या छुपाएगी हमसे कहीं आँखों से न निकल जाये मोती सोचकर ये डरने लगी है। कब तक चुप रहना है अब बोल भी जा अब तो तेरी ख़ामोशी भी आवाज़ करके रोने लगी है। ~Nishh... #Nojoto#NojotoHindi#Hindipoetry#dilkibaat#NishhShyari