#OpenPoetry याद बहुत आते हैं स्कूल-कॉलेज वाले दिन नटखटपन शैतानी डांट पढ़ाई वाले दिन बचपन में रोते रोते स्कूल तो जाया करना पर जाने की स्कूल में रिश्वत एक रुपया लेना पेट दर्द का करके बहाना , आधी छुट्टी वाले दिन नटखटपन .... होमवर्क पहले से ही स्कूल से करके लाना घर आते ही बैग पटक फिर खेलने हमको जाना गिल्ली डंडा , छुपन छुपाई , लंगड़ी वाले दिन नटखटपन ..... खेल खेल में लगी चोट मम्मी को नहीँ बताना यारों संग यारी में बेतुक गप्पे खूब लड़ाना कच्ची कैरी , बेल बजाना , रास्ता सबको गलत बताना .. बैट बॉल से तोड़े थे जो शीशों वाले दिन नटखटपन .... इक चेहरे के पीछे मानो कायनात झुक जाना नज़र उठा कोई देखे तो स्कूल से भी लड़ जाना टीचर से बचने की खातिर , पेन में डाली पर्ची वाले दिन नटखटपन .... विद्यालय से फिर अपना महाविद्यालय में आना उसकी स्कूटी के पीछे अपनी बाइक भगाना क्लास छोड़ कैंटीन में की जो गप्पे वाले दिन नटखटपन ... #OpenPoetry #kavita #bachpan #jawani #school #NojotoHindi