हादसे पे हादसे हो रहे हैं हमारी ज़िन्दगी में खुदा जाने, एक ही ज़िन्दगी में कितनी दफा मरेंगे हम, आओ मिलके कहीं, वीरान सी ज़िन्दगी को नया आशियाना बनाएं चलो संग जीने का कोई अच्छा सा बहाना बनाएं। तुम कुछ अपनी कहना, मैं कुछ अपना कहूंगा दिल में दबे सारे राज खोलेंगे खुल कर हर बात बोलेंगे कोई जीने का सलीका तुम बताना कोई बेपरवाह सा कदम मत बढ़ाना मिलकर एक घरौंदा छोटा सा हम बनाएं चलो संग जीने का कोई अच्छा सा बहाना बनाएं।। ©मnish. जीने का सलीका