उसकी मुस्कुराहट उसका लहजा उसकी अदा बेकार है वो शख्श दिल से बीमार है हो सके , खुद पूछ लो हाल उसका वो कोई और नही तुम्हारा तलबगार है दिल लगाने मे दिल देने मे बड़ा फर्क होता है वो इनमे मे दूसरे का जिम्मेदार है खैर! क्यु ही हम वक़्त बर्बाद करे उसपर जो खुद एक बर्बादी की मिशाल है ©abhisri095 #बेकार_है