जिस शिखर को कभी अभिमान था वो गुलामी का शिखर भी झुक गया , देश के लिए जो एक चंद्र था एक क्रान्ति का शिखर बन गया पिस्तौल की आखिरी गोली तक जिसने गुलामी से संघर्ष था किया आजाद शख्स था वो वक्त से आज़ादी की क्रान्ति को आज़ाद कर गया ।। @śrishti salute to chandrashekhar azad