पता है मुझे ये ईश्क़ हमारा मुकम्मल होगा नही पर ये ईश्क़ तुमसे था तो किसी और से होगा नही अकेला था मैं शायद अकेला ही रह जाऊंगा अब यादों में तुम हो तो अब साथ कोई और होगा नही हकीक़त ये है कि अब जीना होगा तेरे बगैर पर डर ख्यालों का है कि गुज़ारा तेरे बगैर होगा नही यकीन मानो कोशिशें लाख की तुम्हें भुलाने की पर कैसे कहूँ कि इन अश्कों में तू नज़र आया होगा नही ईश्क़ के बखान में तो कई गजलें लिखी "असद" ने पर ईश्क़ का दर्द तो तुमने कभी लिखा होगा नही ©Asad_Poetry_25 न जाने कब कोई आ कर मेरी तकमील कर जाए इसी उम्मीद पे ख़ुद को अधूरा छोड़ जाना है....! poetry quotes poetry sad poetry