#OpenPoetry ज़्हुक ग्या आसमां बादल यू लहराने लगे पँछी गीत गुन गुनाने लगे ज़्हुक ग्या आसमा बिजली ने ली कुछ यू अन्ग्डायी जेसे नयी दुल्हन हो आयी ज़्हुक ग्या आसमां फूलों ने भी खुशबु फेलायी पेड़ो ने खुशिया हे मनायी बेलो ने सबको ललचाया कोयल ने भी गीत सुनाया ज़्हुक ग्या आसमां काली घटायें उतर हे आईं रिम्ज़्हीम की छटा हे फेलफेलायि ज़्हुक ग्या आसमां #OpenPoetr#ज़्हुक ग्या