समुंदरों का पता कभी न दिया नहीं देती और वक्त से इजाजत कभी हवाई नहीं लेती। चलो दुनिया की ठोकरें खाने चलें ,घर बैठे रास्तों की कपहचान नहीं आती। क्योंकि किनारों पर बैठ कर अरमान समंदर की गहराई नहीं नापी जाती। अरमान हंस Samundar ki Gehrai