बरसात की ख्वाहिश बरसात का मौसम कहांँ हम कहांँ तुम रिमझिम बरसते बादल पुकारता तुझे मेरा आँचल अब तो लौट आओ सजन दिल में जगी है प्रेम अगन बारिश की बूंँद बन बरस जा मुझ पर समंदर बन समेट लूंँ हर बूंँद को बारिश के बहाने दिल के तराने ढूंँढें दिल तुझसे मिलने के बहाने बस तेरे संग भीग लूंँ यही ख्वाहिश है आज भी हमें उस बारिश की तलाश है #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #रिमझिमकविता #kkरिमझिम #कोराकाग़ज़रिमझिम #रिमझिम #collabwithकोराकाग़ज़