आज लगता है मौसम भी मेरे मनोभावों की तरह बदल था है हर पल हर एक सेकंड.. मेरा दिल बहुत अस्थिर है अभी . मैं अपने अंदर चल रही उलझनों में और उलझती जा रही हूँ.. कभी शांत तो कभी अपने भीतर होते शोरगुल में वो आवाज़ नहीं सुन पा रही जो मुझे सुकून दे... कई सवालों के घेरे में हूँ मैं.. जिनके जवाब में कभी पा लेती हूँ. कभी वो जवाब गलत नज़र आते हैं.. उन सवालों को सुलझाने और उलझाने वाला दोनों ही एक हैं.. ऐसे में मैं किससे इनका जवाब पाऊं..?? मैं खुद को तैयार ही नहीं कर पा रही सवाल पूछने के लिए.!! मैं चाहती हूँ पूछना पर पता नहीं डर क्यूँ रही हूँ... मैं शायद जवाबों से डर रही हूँ.. मैं डर रही हूँ कहीं ये जवाब आने वाले समय के साथ बदल ना जाये... मैं डर रही हूँ दिल दुखाने से... मैं डर रही हूँ तुम्हें खोने से.. मैं डर रही हूँ तुमसे दूर होने से... लेकिन मैं जानना चाहती हूँ क्या तुम्हें भी ऐसे डर सताते हैं क्या..?? क्या तुम्हारा मन भी ये सोच कर उदास होता होगा की मैं नाराज़ हूँ तुमसे या मैं दूर ना हो जाऊं..?? क्या तुम भी डरते हो मुझे खोने से!! क्या तुम्हें भी वैसी ही छोटी छोटी बातों से फर्क पड़ता है जिनसे मुझे बुरा लगता है.. मैं बाकई में जानना चाहती हूँ कि तुम्हारे दिल में क्या है..?? 🎼lIKE 🎼cOMMENTS 🎼sHARE 🎼fOLLOW #rupaliyadav #yourquote #hindiquotes