World Ozone Day वैज्ञानिकों के अनुसार इसका सबसे ज्यादा असर पृथ्वी के तापमान, मौसमी चक्र और जीव जंतुओं के प्रतिरक्षा तंत्र पर हो रहा है जिसकी वजह से नई नई बीमारियों चिकित्सकों के लिए पहेली बनकर उभर रही हैं, वहीं दूसरी तरफ हैजा त्वचा रोग, मलेरिया और जल जनित रोग फिर बढ़ने लगे हैं।वैज्ञानिकों के अनुसार ऊपरी वायुमंडल में ओजोन का नष्ट होना अक्षांस पर निभर हैं। ऐसा पाया गया है कि दक्षिण ध्रुव के हिस्से में ओजोन को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और वहां एक बडा छिद्र बन गया है।उल्लेखनीय है कि पृथ्वी के वायुमंडल के बीच क्षोभमंडल में ओजोन गैस की परत मौजूद हैं। पृथ्वी की सतह के ऊपर 19 किलोमीटर से 48 किलोमीटर की ऊंचाई तक ओजोन की परत पाई जाती है। hojon