धागा हैं तू प्रेम का प्रेम की यह डोरी हैं तेरे दीदार मैं वक्त की यह चोरी हैं शब्दों का जंजाल हैं तू खींचता पकड़ता तोड़ता मड़ोड़ता फसते फसाते छुपते छुपाते दिल की दास्ताँ हैं तू ताकत बड़ी हैं इस धागे मैं चीर जाता हैं जहाँ को लेकिन ज़ालिम बड़ी हैं यह दुनिया इश्क के यह धागे को जलाकर राख कर देती हैं! #kyabaat #spokenstudios2