बे-नियाज़ी इतनी भी ना थी जितना अश्कों का गुबार निकला.... समझकर गुल जिसे भी समेटा बाहों में, वो हर गुल खारजार निकला.... #बे_नियाज़ी #अश्कों #गुबार #खारज़ार #गुल #शायर_ए_बदनाम