हमकों ढुंढो वहाँ हम जहाँ रहते है। इस जहां में अब हम कहाँ रहते है।। तुमको मिले हमसे एक जमाना हो गया। हो सके तो ख़त लिखना,वो ख़त पुराना हो गया।। ©Kamlesh singh yaduvanshi ek roz yad aaye