दिखावे अपने अनमोल विचारों से मानव को एक नई दिशा दिखाने वाले कबीर दास की एक बड़ी सी की है भी है कि वह दिखावे से मुक्त की सलाह देते हैं वह कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति के दिखावे पर हमें नहीं जाना चाहिए बल्कि अपनी बुद्धि और विवेक का प्रयोग करना चाहिए और यह समझना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति जाति से सज्जन या श्रेष्ठ नहीं होता इसका निर्धारण तो वास्तव में आपके कर्म से होता है इसलिए किसी का उसके दिखावटी तिथियों के आधार पर मूल्य का ना करें ठीक वैसे ही जैसे तलवार का मूल्य होता है ना कि उसके खोल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले महान का जो सोने चांदी और मलखान से बनी होती है अगर तलवार में धार ना हो तो सुंदर से सुंदर मेहंदी व्याप्त है देखा गया है कि दिखावे में अक्सर खुद को सही साबित कर आने के लिए लोग सब कुछ गलत कर देते हैं कभी-कभी तो कुछ लोग इतना दिखावा कर देते हैं कि स्वयं को उपहास का पात्र तक बना लेते हैं इसके बाद लज्जा का शिकार होते हैं और अपने जीवन को और लोगों से दूर करने की कोशिश करने लगते हैं सभी को करने का यह चाहिए कि भारी दिखावा करने से पहले अपने मन और घर में जाकर एक बार जरूर देख लेना चाहिए और खुद से एक सवाल करना चाहिए कि यह दिखावा मेरे जीवन में खुशियां ला सकता है आपने आप में इसका जवाब लेना चाहिए ताकि भविष्य में होने वाली कठिनाइयों से बचा जा सके दिखावे का कोई विशेष फायदा नहीं होता क्योंकि जिसके सामने दिखावा करते हैं वह आज नहीं तो कल हकीकत जान ही जाता है दिखाओ हमें अक्सर लोग बड़ी-बड़ी बातें बोलते बोल जाते हैं जिसके कारण सामने वाला दुखी और खुद को छोटा महसूस करता है किसी को दुखी कर कर आप खुश रह सकते हैं आखिर हम जो देते हैं वही तो हमारे पास वापस आता है इसलिए अपने व्यवहार में किसी कुत्र मात्र की बजाय वास्तविकता नहीं देनी चाहिए ©Ek villain #dikawa #MereKhayaal