हे आर्य पुत्रों ... मैं अब नहीं सहन कर सकती ! इस संसारी माया को ... मैं नहीं वहन कर सकती ! इस कुरुपता की छाया को ... ग्लेशियर का भी अनुकूलन नहीं रहा ! वनों का भी अनुकूलन नहीं रहा !! पता नहीं क्यों मुझे तुम सब की .. चिंता होती है .. वनों को तो काटे डाले ! क्योंकि ...! बिना वन के मैं खो जाऊंगी.. अफसोस ! बिना धरती मां के तुम सब का क्या होगा !!! #napowrimo में आज 22वाँ दिन है। आज Earth Day धरती दिवस मनाया जा रहा है। धरती तो मूक है इशारों में अपना दुख व्यक्त करती है। किंतु एक लेखक हर बात समझता है। #धरती #earthday #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi