हालात की इस आंधी से बिखर जाओगे घर में रहो वरना गुजर जाओगे! कितनो को जाते देखेंगे इस बार तुम तो बचो इससे, बच जाओगे!! इस महामारी का प्रकोप पेचिन्दा है जब तक घर में है,जिंदा है! सेनिटाइजर, मास्क लगाना तुम मुझे तुम अपनो की भी चिंता है!! हवा बिक रही आज ऑक्सीजन सिलेंडर में सांसो की माला कब टूट जाए, जी रहे डर में!! मेने अमीरों को भी भटकते देखा कही लोगों को तड़पते देखा! भीड़ लगी है अस्पतालों में मेने सैकड़ो लाशों को जलते देखा!! शायर,कवि विशाल ब्रह्मभट्ट माण्डलगढ़ ©shayar Vishal Brahmbhatt Vish'u #corana #coranavirus #coranalockdown हालात की इस आंधी से बिखर जाओगे घर में रहो वरना गुजर जाओगे! कितनो को जाते देखेंगे इस बार तुम तो बचो इससे, बच जाओगे!! इस महामारी का प्रकोप पेचिन्दा है जब तक घर में है,जिंदा है!