हा लक्षिमन तुम्हार नहिं दोसा, सो फलु पायऊँ किन्हेऊँ रोसा । बिबिध बिलाप करति बैदेही, भूरि कृपा प्रभु दूरि सनेही ।। ©Anushi Ka Pitara सीता संवाद ( रामायण) #NojotoRamleela