तुम क्या अब मुझे मुस्कुराना सिखाओगे मैंअब दिल से मुस्कुराना ही भूल गई हूँ तुम चाहते थे ना रोते हुवे भी तुम्हे तो मुस्कुराकर दिखाऊँ मैने आँखों में आँसू छिपा कर होठो पर मुस्कान रखना सिख लिया है ©indira ये एक क्लासमेट की दास्तां लिखी है जो उसने कहानी बताई उसी पर चार लाइन लिखी है #worldpostday