काल गुज़र गया,पर मिसाल रह गई, रानी लक्ष्मी बाई हर युग के,औरतों के लिए कमाल बन गई।। यूँ बैठना नहीं है इंतज़ार में,के कोई आएगा और हमारी ढाल बनेगा, खुद के तलवार उठाए बिना,कोई जंग जीती नहीं जाती? जाओ रानी याद रखेंगे ये कृतज्ञ भारतवासी, यह तेरा बलिदान जगावेगा स्वतंत्रता अविनासी, होवे चुप इतिहास, लगे सच्चाई को चाहे फाँसी, हो मदमाती विजय, मिटा दे गोलों से चाहे झाँसी। तेरा स्मारक तू ही होगी, तू खुद अमिट निशानी थी, बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी, खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥