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अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया, बरसने

अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।

©Raahul Kant अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।
- राहुल कांत
#raahulkant #Hawas  #Kids #justmushayra #Quote #shayri
अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।

©Raahul Kant अपने मज़े के लिए मुझे स्वाद की मठरी बना दिया,
बरसने वाली आंखों से दिन रात की बदरी बना दिया।
देख तेरे संसार ने क्या ज़ुल्म किया मेरे खुदा।
किसी की हवस ने मुझे पाप की गठरी बना दिया।।
- राहुल कांत
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Raahul Kant

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