#OpenPoetry रूठा है क्यों मुझसे शिकायतों को बयां तो करदे , रूठा है क्यों मुझसे ज़िक्र ज़रा तू करदे , इश्क़ में बिछडन की ये रस्म अदा तो करदे। खता है अँधेरे में कोई या है दिल में ग़लतफहमी का अँधेरा , पल भर उसपर आँखों की शमां तो करदे रूठा है क्यों मुझसे शिकायतों को बयां तो करदे प्यार के पलों की कलियाँ तो खिलने दो , चाहत के सिलसिलों की फसल ज़रा सिलने दो लहलहा उठेंगी मुरझाई अरमानो की कली दिल की बंज़र ज़मी पर खुदको बरसता आसमाँ तो करदे , और फिर भुला दे खुद को मेरी बाँहों में भरकर या जा किसी और में डूब जाने की हसरत को जवाँ तू करदे इश्क़ में बिछडन की ये रस्म अदा तो करदे।। #love #write_to_express #life_is_awesome #love_and_live Vin@¥ vi$hw@k@rm@