सब ने खूब मनाया बांटी गई खूब मिठाइयाँ गगन में तिरंगा फहराया कितनी माँ की गोद सुनी हुई कितनी बहनों की उजड़ी माँग कितने घर बेघर हो गए तब जाके पाया यह 'आजादी' का ताज मेरी अपनी इतनी किस्मत कहां कि मेरा कफ़न तिरंगा हो मैं तो बस इतना चाहूँ जब मैं मरूँ तो मेरा मन तिरंगा से रंगा हो ♥️ Challenge-661 #collabwithकोराकाग़ज़ 🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🇮🇳 ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।