वो दौर ख़ूब था मुख़ातिब हबीबी, हाँ! अब तो हर्फ़-हर्फ़ बिखरें हैं कुछ यहाँ कुछ वहाँ... वो बीते दिनों की खुशरंगत भला और कहाँ? वो दोस्त जो कि जोड़ लेते थे बिन टाँके के बग़ैर निशान इन फेविकॉल वाले रिश्तों में वो जज़्बे ख़ुदी कहाँ? #toyou #happytimes #oldfriends #wonders #beingtogether #yqlove #hosteldays💕