कुछ ख़्वाब अधूरे से रह गए इस टूटे दिल में, सजाए थे जो सपने , वह बिखर बिखर कर राख हो गए, गुफ़्तगू तो बहुत हुई, लेकिन मेरे प्यार का अल्फ़ाज अधूरा ही रह गया, मिला तो कहीं बार उससे, लेकिन मेरी अंतिम मुलाकात अधूरी ही रह गई, ख़्वाब देखा था हमारे खुद के आशियाने का, आंखें खुलते ही वह खंडहर बन गया, ख़्वाब जो देखे थे बंद आंखों से, एक साथ जिंदगी बिताने का, आंखें खुली तो खुद को अकेला पाया, मैं खुद उसमें पूरा डूब गया, लेकिन मेरा प्यार अधूरा ही रह गया। ♥️ Challenge-749 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।