अब भी याद है वो पल मुझे, जब पहली बार तुम्हें देखा| जब एक झलक में सोच लिया, तू ही है किस्मत की रेखा|| तेरी एक मिनट की हसी ने ही, मन में हलचल सी मचा दी थी| तेरी उन मीठी बातो ने, महफिल आबाद बना दी थी|| मैं तब भी रुक जाता लेकिन, तुमने ही कोई अस्त्र फेका था| उस भीड़ में क्यों बस तुमने यू, मुझे ही ऐसा देखा था। फ़िर खुद ही सबको छोड जिस तरह, मेरी तरफ चली आई| लगा कोई अप्सरा स्वर्ग से, मुझसे मिलने है आई|| ऐसे देख रही थी मुझको, मैं ही शर्मा जाता था| जब रखती हाथ कांधे पर, दिल बस घबड़ा जाता था| कुछ समझ नहीं आ रहा था मुझे, दिल को रोकू या बात करू| कुछ पता नहीं था क्या बोलू, मैं भी कैसे तारीफ़ करू || फिर हाथ पकड़ ले गई मुझे, बाहर तारो के नीचे| घंटो बाते की हमने ,खुले आसमां के नीचे|| शायद महफिल में दोनो ही, बस बनावटी घूम रहे थे| थे एक जैसे दोनो ही, एक साथी ढूंढ रहे थे|| पहली बार मेरे दिल को भी ,कुछ अच्छा लग रहा था| जो कुछ भी था जैसे भी था ,पर सच्चा लग रहा था|| वो दिन है और आज का दिन, बस हाथ थाम के बैठे हैं| बरसो हो गए मिलन को फिर भी, नवप्रेमी जैसे रहते हैं|| अब बस एक ही ख्वाहिश है, सांसे भी एक साथ छोड़े| ऐसे हाथो में हाथ पकड के दुनिया से नाता तोड़े|| #love #loveforever #milan #pyar Milan