जुर्माना मैं सोचता हूं तू खुद बताए की तू कौन है, तेरी इसी चाहत के लिए मेरा मन मौन है, तेरी राहों पर जो बिखरी फूलों की फिसलन है, वो तेरी राहों से चुन कर मेरे दामन ने काटोे की चुभन है। मेरे बाद भी तुम यूं ही खुश और मुस्कुराते नजर आओगे, मुझे खोने के बाद भी तुम बहुत कुछ पाओगे, मेरी महफ़िल में तुमने बस समझौते ही किए होंगे, शायद तुम्हारी महफ़िल में बहुत से समझौते वाले होंगे। मुझसे तो एक असहाय कि मदद ना हो पाई है, मेरे मन में छपी अभी तक वो ही परछाई है, ऐसा नहीं कि मैं अक्षम था बस समाजों का ताना था, उस भूखे तो तरसा के छोड़ा जबकि मेरे हाथ में खाना था। मैं अक्सर बहुत कुछ सोच समझ लेता हूं, और जो चीज मुझे गलत ठहराए उस संग रख लेता हूं, मुझे पता है भविष्य में फिर से वही गलती होगी, तो किसी को खबर ना हो बस मन को ही जुर्माना होगी। जुर्माना #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqbaba #yqdidichallenge #yqbabachallenge #yqmdwriter #yqwriters