खंजर घोप दिया सीने में, लहू फिर भी ना निकला. रात हुई, सन्नाटा हुआ, जुगनू फिर भी ना निकला. आसमान से कहकहा गिरती रहीं मेरे घर पर. आँख हँसते रहे रात भर, आँसू फिर भी ना निकला. पूरी उम्र भर की कोशिश थी मेरी तुझे देख पाने की. चाह कर भी तेरे आँखों से गेसू फिर भी ना निकला. एक दिन मंज़िल तक ले जाकर छोड़ेगा ये रास्ता. जानते हुए भी कोई घर से क्यूँ फिर भी ना निकला. #NojotoQuote एक मतला तीन शेर कहकहा - ज़ोर की हंसी गेसू - बालों की लट