Innocent बड़ी इबादत से मैने अपने रब से दुआ की, दुआ में बस एक ही दुआ की! जिसके चेहरे पे कभी मुस्कान, कम नहीं होती!! आज तुने उसकी आंखो में आँसु ला दिये, या! रब में तुझसे यही मांगता हूँ, मेरी दुआ कबूल कर, उसके सिर का दर्द मुझे देदे, उसका तपता बदन बुखार से !! ऐसा बुखार मुझे देदे, ऐसा लगता है मानो कल की रात, कयामत सी ठहर गयी हो!! मेरे दिल पर!! 🤲 या मेरे रब उसे मेरे हिस्से, की खुशी भी देदे, कल जो पल था ऐसा, पल कभी बापस ना आये!! मेरी छोठी सी दुआ कबूल, कर!मेरे रब!! ♡विपिन♡