अनछुए एहसास.... जिन्दगी लोकल हो या ट्रेन 🚆.... जीने और सफर का मजा इनमे ही है जब होश सभले तो निकले सफर मे चाह थी खिड़की वाली ही सीट ही मिले सो समय से पहले चल दिए दो फायदे कम भीड़ और जल्दी टिकट टिकट पर तारीख सही थी तो रख लिए सब कुछ सही सब कुछ अच्छा