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देवब्रत नाम का एक किसान हरदोई गाँव में बड़े मजे से

देवब्रत नाम का एक किसान हरदोई गाँव में बड़े मजे से जीवन यापन कर रहा था ।
 उसके पास खेती भी उपयुक्त थी और खेती के लिए क्षमता भी उपयुक्त था । 
इसी खेती से सालोभर उसके परिवार की परवरिश बड़े आराम से हो जाती थी ।
एक वर्ष पानी के कमी के कारण उन्हें फसल उपयुक्त मात्रा से थोड़ी कम हुई ।
 अर्थात इस वर्ष उसे फसल में घाटा हुआ । यह सोचकर वह दुखी रहने लगा ।
एक दिन उसकी पत्नी ने उनके दुखी होने का कारण पूछा तो बोले कि भाग्यवान
 एक वर्ष के जीवनयापन करने के लिए ईश्वर हमें अनाज खेती से दे देते थे । 

परन्तु इस वर्ष पैदावार कि कमी के कारण ११ माह ही संचित अनाज का भंडार है ।
बस  इसी बात से चिंतित हूँ कि १ माह कैसे गुजर होगा ।

पत्नी ने कहा आप इसकी चिंता छोड़ दें १ माह की जरूरत भर अनाज मैं व्यवस्था कर दूगीं । 
पत्नी की आत्मविश्वास से आश्वस्त होकर अपनी चिंता छोड़ खेती में ध्यान केंद्रित कर दिया । 
वक्त गुजरता गया और वह १२  माह निकल गया । पत्नी से किसान ने इसकी वजह पूछी तो 
 पत्नी ने बड़ी शालीनता से जबाब़ दिया दरसल मैं रोजमर्रे कि खपत से एक मुठ्ठी अनाज वापस 
उसी मटके में रख देती थी । जिससे १ माह आराम से अनाज बच गई ।  और आवश्यकता पुरी
हो गई । पत्नी कि इस वचत योजना से किसान बहुत प्रभावित हुआ ।
अतः हमें इस कहानी से बचत  योजना कि आवश्यकता का महत्व कि सीख मिलती है ।

©Anushi Ka Pitara #लघुकहानी 
#बचत #संग्रह 

#standout
देवब्रत नाम का एक किसान हरदोई गाँव में बड़े मजे से जीवन यापन कर रहा था ।
 उसके पास खेती भी उपयुक्त थी और खेती के लिए क्षमता भी उपयुक्त था । 
इसी खेती से सालोभर उसके परिवार की परवरिश बड़े आराम से हो जाती थी ।
एक वर्ष पानी के कमी के कारण उन्हें फसल उपयुक्त मात्रा से थोड़ी कम हुई ।
 अर्थात इस वर्ष उसे फसल में घाटा हुआ । यह सोचकर वह दुखी रहने लगा ।
एक दिन उसकी पत्नी ने उनके दुखी होने का कारण पूछा तो बोले कि भाग्यवान
 एक वर्ष के जीवनयापन करने के लिए ईश्वर हमें अनाज खेती से दे देते थे । 

परन्तु इस वर्ष पैदावार कि कमी के कारण ११ माह ही संचित अनाज का भंडार है ।
बस  इसी बात से चिंतित हूँ कि १ माह कैसे गुजर होगा ।

पत्नी ने कहा आप इसकी चिंता छोड़ दें १ माह की जरूरत भर अनाज मैं व्यवस्था कर दूगीं । 
पत्नी की आत्मविश्वास से आश्वस्त होकर अपनी चिंता छोड़ खेती में ध्यान केंद्रित कर दिया । 
वक्त गुजरता गया और वह १२  माह निकल गया । पत्नी से किसान ने इसकी वजह पूछी तो 
 पत्नी ने बड़ी शालीनता से जबाब़ दिया दरसल मैं रोजमर्रे कि खपत से एक मुठ्ठी अनाज वापस 
उसी मटके में रख देती थी । जिससे १ माह आराम से अनाज बच गई ।  और आवश्यकता पुरी
हो गई । पत्नी कि इस वचत योजना से किसान बहुत प्रभावित हुआ ।
अतः हमें इस कहानी से बचत  योजना कि आवश्यकता का महत्व कि सीख मिलती है ।

©Anushi Ka Pitara #लघुकहानी 
#बचत #संग्रह 

#standout